नीरज कुमार : जन्म (7. 10 . 88) परवेज़ अख्तर द्वारा निर्देशित नाटक ‘साला में तो साहब बन गया’ से रंगमंचीय जीवन की शुरुआत की | इनकी रूचि अभिनय के साथ –साथ नेपथ्य में भी रही है, कई नाटको में इन्होंने back stage का भी काम किया है|
प्रमुख अभिनीत नाटक –मृत्युजाल, मैकबेथ, खूबसूरत बला, मुझे कहाँ ले आये हो कोलंबस, कबिरा खड़ा बजार में, उमरावजान आदि |
निर्देशन : आधे –अधूरे, खिलजी का दांत, एक था गधा उर्फ़ अलादाद खां, नटमंडप द्वारा आयोजित ‘समर थियेटर कैंप’ का संचालन| सम्प्रति- केन्द्रीय विश्वविद्यालय (रांची) में रंगमंच पर शोध|