Natmandap was established under the inspiration and bodily presence of its mentor and patron late Dr. B. V. Karanth in 2001. It is indeed a group of theatre practitioners having extensive experience of decades and creative excellence. ‘Nyaayapriya’ is its recent creative effort, which includes a few very talented and experienced actors of other active groups of the city as well.
विगत पैंतीस वर्षों से साहित्य और रंगमंच दोनों क्षेत्रों में सक्रिय. हिन्दी अध्यापन का पच्चीस वर्षों का अनुभव. आलोचना, नटरंग, कसौटी, नेपथ्य, समीक्षा, उत्तरशती आदि में दर्जनों लेख प्रकाशित. विभिन्न समाचार-पत्रों में नियमित लेखन. अभिनेता और निर्देशक के तौर पर राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी रंगमंच में ख़ास पहचान, पचास से भी अधिक नाटकों में केन्द्रीय भूमिकाएँ अभिनीत !
कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान एवं विशिष्ट उपलब्धियों के लिए "भिखारी ठाकुर वरिष्ठ पुरस्कार (रंगमंच)" से सम्मानित मोना झा ने अपनी कला-यात्रा ‘कथक’ नृत्य से आरम्भ किया ! इप्टा- पटना, प्रेरणा, प्राची, थिएटर यूनिट-जैसी नाट्यसंस्थाओं की महत्वपूर्ण नाट्य-प्रस्तुतियों में केन्द्रीय भूमिकाएँ अभिनीत करते हुए एकल अभिनय में एक राष्ट्रीय पहचान बनायीं हैं !
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Natmandap / Machaan organizes Summer Camps
Natmandap do Street Shows